अयोध्या में दिवाली का इस बार का पर्व विशेष है
अयोध्या में दिवाली का इस बार का पर्व विशेष है।
५०० साल बाद भगवान राम लला विराजमान की उपस्थिति में दिवाली मनाई जा रही है।
आप सभी को अनंत शुभकामनाएं।
लव को श्रावस्ती की राजधानी मिली थी। लाहौर शहर और लाओस देश लव के नाम पर बसे हैं। कुश को दक्षिण कोशल की कुशावती मिली थी। कुशीनगर कुश के नाम पर है। लाहौर के पास का कसूर शहर भी कुश के वंशजों ने बसाया। लेकिन कुश के वंशजों की यही सीमा नहीं है।
कुश के एक वंशज थे मरु। उनके बारे में कहा गया है कि वे कलाप ग्राम में तप कर रहे हैं, और नये सतयुग में सूर्य वंश की फिर से स्थापना करेंगे।
ज़फराबाद और जौनपुर के इस्लाम पूर्व इतिहास को प्रस्तुत कर रही ऐतिहासिक फिल्म ज़फराबाद जौनपुर आख्यान में हम दिखा रहे हैं, कौन थे मरु, कहाँ उन्होंने तप किया; और फिर उन्होंने और उनके वंशजों ने कहां और कितने साम्राज्य बनाये। यह कथा दुनिया का इतिहास बदलनेवाली कथा तो है ही, दुनिया को एक नयी सांस्कृतिक समझ देनेवाली कथा भी है।
एक बार फिर दिवाली की अनंत शुभकामनाएं।
चित्र: लव और कुश के साथ माता सीता
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