यदि आप पूर्वांचल से हैं तो मनहेच और सगरेकोट को बचाने का संकल्प लें 

1325 में ज़फराबाद को ज़फर और 1359 में जौनपुर को फिरोज़ शाह तुगलक ने पूरी तरह से मलबे में बदल दिया। हिंदू या बौद्ध संस्कृति के एक भी मंदिर, महल या भवन नहीं छोड़े गए।  यह विध्वंश शर्की सल्तनत के दौरान भी जारी  रहा। दोनों ही सल्तनतों का इरादा था कि लोग पुरानी सभ्यता और संस्कृति को पूरी तरह भूल जाएं, और ऐसा कोई भी चिह्न न बचे जो पुरानी चीजों की याद दिलाये। वही हुआ भी।  आज किसी को यह भी नहीं पता कि इन शहरों के पुराने नाम भी क्या थे।  

 दो ही बड़ी स्मृतियां, वह भी खाली जमीन  के रूप में अभी तक पड़ी थीं। एक , राजा जयचंद का टीला है। जहां, कभी मनहेच नाम का किला था।  जो काशी विश्वेश्वर का रक्षक दुर्ग था। कहा जाता है कि इसी जगह पर पहले राजा हरिश्चंद्र का महल था।  दूसरी जगह है, मछली शहर के पास का सगरेकोट। जिसके बारे में कहा जाता है कि आस्तिक मुनि के गर्भ में रहने के दौरान नाग माता जरत्कारु वहां रही थीं।  इस्लामी शासन के दौरान दोनों ही स्थानों के पत्थर निकाल कर उन्हें खाली जमीन में बदल दिया गया था।  लेकिन ये दोनों स्मृतियां भी खत्म हो रही हैं। जो जगह कई सौ साल से खाली पड़ीं थीं, उन पर अब, पुरातत्व विभाग के संरक्षण में होने के बावजूद , चारों तरफ से अतिक्रमण हो रहा है। और उन्हें सुरक्षित न किया गया तो आगामी कुछ बरसों में ही वे खत्म हो जाएंगी।  

 इस दिवाली नव वर्ष पर पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान के हम लोग मनहेच और सगरेकोट को बचाने का संकल्प लेते हैं। और आपसे भी , इस संकल्प में सहभागी होने का आग्रह करते हैं।   

 ऐतिहासिक फिल्म ``ज़फराबाद जौनपुर आख्यान''  के जरिये ज़फराबाद और जौनपुर के इस्लाम-पूर्व इतिहास को  जानने और उसे फिर से स्थापित करने का प्रयत्न तो किया ही जा रहा है, मनहेच और सगरेकोट जैसी स्मृतियों को भी सुरक्षित-संरक्षित किया जाने का काम किया जा रहा है। इससे क्षेत्रीय इतिहास लेखन और ऐतिहासिक स्थलों, संस्कृति तीर्थों आदि को संवारने की राष्ट्रीय प्रवृत्ति मज़बूत होगी।  ज़फराबाद जौनपुर आख्यान पूरी तरह से शोध पर आधारित है।  देश में इस तरह की यह पहली फिल्म है।  इस फिल्म से भारतीय इतिहास को भी एक नयी सोच मिलेगी।  और विश्व इतिहास के भी अनेकानेक पन्ने  बदलेंगे।   

आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को मनहेच और सगरेकोट को बचने के लिए एक चिट्ठी लिखी गयी है। जिसका लिंक है- https://zafarabadstory.blogspot.com/2024/10/226001-1325-1359.html 

 हो सके तो आप भी मुख्यमंत्री जी को एक चिट्ठी लिखें। 

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